श्रीमद्भगवत गीता सिर्फ एक ग्रंथ नहीं बल्कि जीने की कला है : सुशील कुमार रिंकू

जालंधर, सांसद सुशील कुमार रिंकू ने श्रीमद्भगवत गीता को हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बताते हुए कहा कि जो कोई भी इसे पढ़ता है उसे सीधे भगवान कृष्ण का सानिध्य प्राप्त होता है।

यहां साईं दास स्कूल ग्राउंड में श्रीमद्भागवत कथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि गीता सिर्फ एक पवित्र ग्रंथ नहीं है, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका भी है।  उन्होंने कहा कि जो लोग गीता की शिक्षाओं का दिल से पालन करते हैं वे जीवन के दुखों से उबर जाते हैं क्योंकि यह उन्हें जीवन में किसी भी प्रकार की कठिनाई को सहन करने का साहस और शक्ति देता है।  उन्होंने सात दिवसीय श्रीमद्भगवद कथा आयोजन के लिए प्रसिद्ध कथा वाचक जय किशोरी जी को आमंत्रित करके जालंधर की पवित्र भूमि पर इस विशाल आयोजन के आयोजन के लिए जालंधर केंद्रीय विधायक रमन अरोड़ा के प्रयासों की सराहना की।  श्री रिंकू ने कहा कि यह आयोजन इस धार्मिक रूप से सक्रिय शहर जालंधर में एक और मील पत्थर साबित होगा।

सांसद ने भक्तों से भगवान कृष्ण के जीवन से मूल्यवान सबक लेने का भी आग्रह किया, जिन्होंने भगवान होने के बावजूद जीवन की कठिनाइयों का सामना किया, जो हम सभी को अपने जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए प्रोत्साहित करता रहेगा।इस दौरान उन्होंने अपनी सांसद निधि से ₹500000 की ग्रांट इस धार्मिक कार्यक्रम को आयोजित करने वाली कमेटी को देने की घोषणा की ताकि भविष्य में भी इस तरह के धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहे।

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