जालंधर में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में घोटाले को लेकर अकाली दल ने दिया धरना

जालंधर, (विशाल/ रोज़ाना आजतक)-राज्य में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में 64 करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर पिछले कई दिन से नाराजगी का माहौल है। शुक्रवार को अकाली दल ने जालंधर के बस्ती नौ स्पोर्ट्स मार्केट के झंडियां वाला पीर चौक पर धरना दिया। इस दौरान अकाली खासी फजीहत के पात्र बने। पहले धरने के लिए टैंट गाड़कर आधी सड़क को कवर कर लिए जाने के चलते ट्रैफिक जाम के हालात बन गए। ऐसे में राहगीरों ने प्रदर्शन कर रहे अकाली दल के खिलाफ गुस्से का इजहार किया। इसके बाद प्रदर्शनकारी कांग्रेस सांसद संतोख चौधरी की कोठी में घुस गए, जिन्हें पुलिस ने बड़ी मुश्किल से काबू किया।अकाली दल ने धरना दिया। पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह भाटिया के नेतृत्व में लगाए गए धरने में विधायक पवन टीनू, जिला प्रधान कुलवंत सिंह मन्नण, स्त्री करियर की प्रधान परमिंदर कौर पन्नू समेत कई सीनियर नेता शामिल रहे।धरना दे रहे शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए सांसद चौधरी संतोख सिंह के घर तक पहुंच गए। विधायक पवन टीनू पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह भाटिया समेत कई कार्यकर्ता सांसद के घर में घुस गए और वहां धरना लगा दिया। अकाली नेताओं ने सांसद चौधरी संतोख सिंह और कांग्रेस के खिलाफ जमकर नारे लगाए। एसीपी सेंट्रल सतेंदर चड्ढा तुरंत मौके पर थाना दो और थाना चार की पुलिस के साथ पहुंचे। एसीपी ने सांसद की कोठी पर तैनात पुलिस मुलाजिमों की भी क्लास लगाई।अकाली दल ने मांग की है कि कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को तुरंत बर्खास्त किया जाए और मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। कमलजीत सिंह भाटिया ने इसे बेहद शर्मनाक बताया कि अनुसूचित जाति वर्ग के गरीब परिवारों के बच्चों के लिए आई ग्रांट को दलित नेता ही हड़प गए। उन्होंने कहा कि मंत्री के खिलाफ केस दर्ज करके पूरे फंड की रिकवरी होनी चाहिए। उधर धरने के लिए टैंट गाड़कर आधी सड़क को घेर लिए जाने के चलते ट्रैफिक जाम के हालात बन गए। ऐसे में राहगीरों ने प्रदर्शन कर रहे अकाली दल के खिलाफ गुस्से का इजहार किया।उधर, इससे पहले गुरुवार को गुरु रविदास संघर्ष कमेटी ने भी पंजाब सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया था। इस दौरान एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कृपा शंकर सरोज की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कमेटी के पंजाब प्रधान रोबिन सांपला ने कहा था कि राज्य सरकार ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के तहत उन शिक्षण संस्थानों को भी पैसा दे दिया, जिन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी थी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में करीब 1 साल के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जो करीब 64 करोड़ रुपए का है। अगर पिछले बरसों के रिकॉर्ड की जांच की जाए तो यह घोटाला और भी ज्यादा हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *