जालंधर,(विशाल/ रोजाना आजतक)- पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के मामले में विद्यार्थी संघर्ष मोर्चा की तरफ से डीसी ऑफिस के अंदर प्रदर्शन किया गया। इनका आरोप था कि जिला प्रशासन की तरफ से पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप को लागू करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं किया गया है, जिसके परिणाम स्वरुप कि वह सोमवार को दफ्तर में ताला लगाने के लिए पहुंचे।डीसी दफ्तर के गेट पर ताला न लगाए जाने और डीसी से मुलाकात न करवाए जाने के विरोध में बाद में विद्यार्थी संघर्ष मोर्चा के सदस्य डीसी दफ्तर के बाहर ही चक्का जाम करके सड़क पर बैठ गए। इस वजह से डीसी दफ्तर के सामने वाली सड़क से गुजरने वाले वाहन चालकों को भी दिक्कत हुई। इस दौरान पुलिस की तरफ से उनके साथ धक्का-मुक्की भी की गई। बाद में पुलिस ने उन्हें बाहर धकेल दिया। इसके बाद विद्यार्थी बीएमसी चौक पर धरना लगाने पहुंचे हैं।विद्यार्थी नेता दीपक बाली और नवदीप का कहना है कि वे निरंतर अपनी मामले मांगों को लेकर डीसी और राजनेताओं को मांग पत्र दे चुके हैं, मगर उनकी कोई भी सुनवाई नहीं हुई। इस मामले में उनके हाथ केवल निराशा ही लही है। यही कारण है कि उनकी तरफ से तीन दिन पहले जिला प्रशासन को अल्टीमेटम दिया गया था कि 19 अक्टूबर तक उनकी लोगों को पूरा कर दें, अन्यथा वे किसी भी दफ्तर को खुलने नहीं देंगे। अब एक बार फिर से जिला प्रशासन को चेतावनी है कि उनकी मांगों का निपटारा जल्द से जल्द करें अन्यथा बड़े स्तर पर वे संघर्ष करेंगे और इसके लिए जिम्मेदार खुद प्रशासन होगा।विद्यार्थी संघर्ष मोर्चा के सदस्य इस बात पर अड़े हैं कि उन्हें पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के मामले में फैसला सुनाया जाए। स्कॉलरशिप ना आने की वजह से विद्यार्थियों को डिग्री नहीं दी जा रही है। कॉलेज उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। स्कॉलरशिप को प्रत्येक जिले में लागू करने की जिम्मेदारी डिप्टी कमिश्नर की होती है। वे कई बार डीसी को परेशानी के बारे में बता चुके हैं पर कोई हल नहीं निकला अब सरकार ने नई पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप लागू करने का फैसला लिया है। सरकार यह भी ध्यान रखें कि जिन्होंने पहले पढ़ाई पूरी कर ली है उन्हें डिग्री कैसे मिलेगी। स्कॉलरशिप का पैसा ना आने के कारण पास आउट विद्यार्थियों की डिग्रियां रुकी हुई हैं।इससे पहले डीसी दफ्तर पर धरना देने पर अड़े स्टूडेंट्स की पुलिस के साथ कई बार धक्का-मुक्की हुई। हालांकि पुलिस ने बल प्रयोग कर विद्यार्थियों को वहां से उठा दिया और गेट बंद कर दिया। इसके बाद सभी विद्यार्थी बीएमसी चौक पर प्रदर्शन करने निकल पड़े। विद्यार्थी संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने चेतावनी दी है कि उनके प्रदर्शन के दौरान अगर कोई नुकसान होता है तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी