कॉल डिटेल्स तो ये साबित कर रहा है कि पीड़िता का भाई कही ना कही कुछ छिपा रहा है. ये सच ही पीड़िता की मौत हुई है और उसे न्याय मिलना चाहिए लेकिन क्या न्याय की जल्दबाजी में किसी निर्दोष को तो नहीं फंसाया जा रहा है या किसी झूठ पर तो परदा नहीं डाला जा रहा है. इस केस में आरोपी बनाए गए लवकुश नाम के लड़के की मां का कहना है कि जब लड़की घायल पड़ी थी तो उन्होंने अपने बेटे को पीड़िता को पानी पिलाने के लिए भेजा था लेकिन बाद में उसे भी गैंगरेप का आरोपी बना दिया गया. तीसरे आरोपी रामू की मां ने बताया कि उनका बेटा 14 सितंबर को सुबह साढ़े सात बजे ही घर से निकल चुका था. वो पास के एक डेयरी प्लांट में नौकरी करता है. आरोपी रामू की मां ने कहा कि मेरे बेटे पर झूठा इल्जाम लगाया है. वो यहां था ही नहीं, वो सुबह 7 बजे डेयरी के लिए चला गया था. आरोपी रामू की मां के इस दावे की सच्चाई जानने के लिए ZEE NEWS गांव से लगभग 3 किलोमीटर दूर डेयरी प्लांट पर पहुंचा और डेयरी प्लांट के मालिक से बात की. उन्होंने इस बात की पुष्टि की, कि रामू सुबह 8 बजे से 12 बजे तक डेयरी प्लांट में ही था.
डेयरी मालिक ने बताया, ‘रामू बहुत सीधा लड़का है. 14 तारीख को मेरे डेयरी पर 8 बजे से 11.30-12 बजे तक था. हाजिरी रजिस्टर में उसकी उपस्थिति दर्ज थी. क्राइम ब्रांच वाले रजिस्टर ले गए हैं. डेयरी पर काम करने वाले सभी स्टाफ ने देखा था कि रामू डेयरी आया था.’बात चौथे आरोपी रवि की. गांव के लोगों ने हमें बताया कि रवि भी उस दिन गांव में नहीं था. बूलगढ़ी गांव में रहने वाले ओंकार सिंह ने घटना का प्रत्यक्षदर्शी होने का दावा किया. ओंकार सिंह ने बताया, ’14 तारीख को मैं गांव से खेत जा रहा था. संदीप अपने पिता के साथ गाय को पानी पिला रहा था. खेत से कराहने की आवाज आ रही थी. लड़की का भाई और उसकी मां खड़ी थी लड़की खेत में पड़ी थी. लड़की का भाई कह रहा था कि सिर्फ संदीप का नाम लेना.’ZEE NEWS के पास वो Call Data Record है, जिसके अनुसार आरोपी संदीप और पीड़िता के परिवार के एक नंबर के बीच बातचीत होती थी. नंबर पीड़िता के बड़े भाई के नाम पर रजिस्टर है. दोनों नंबरों के बीच अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 के बीच लगभग 5 घंटे की बातचीत हुई है. वहीं जब हमने सच जानने के लिए पीड़िता के बड़े भाई से पूछा कि क्या आपकी संदीप से फोन पर कोई बातचीत होती थी? तो उसने साफ इनकार कर दिया.