एसएमएस या ई-मेल के द्वारा भेजे जाएंगे रेवेन्यू मामलों के समन: DC घनश्याम थोरी

जालंधर,(विशाल) रेवेन्यू मामलों के जल्दी निपटारे को यकीनी बनाने के लिए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने शुक्रवार को कहा कि रेवेन्यू मामलों से संबंधित समन जल्दी ही शार्ट मैसेज सर्विस (एसएमएस), ईमेल या वट्सएप के द्वारा भेजे जाएंगे।वित्त कमिश्नर (राजस्व) विश्वजीत खन्ना की अध्यक्षता में हुई वीडियो -कांफ्रेंस में भाग लेते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने कहा कि पंजाब लैड् रैवेन्यू (अमैंडमैंट) एक्ट, 2020 की संशोधन के बाद डिजिटल माध्यम के द्वारा समन पहुंचाने की यह नई सेवा लागू की जाएगी। उन्होनें कहा कि यह सेवा न सिर्फ़ मामलों की गति को तेज करने में मदद करेगी, बल्कि पैंडैंसी को भी जल्दी ही ख़त्म कर देगी। डिप्टी कमिश्नर ने आगे कहा कि डिजिटल माध्यम के साथ समन भेजने के बाद अधिकारी इसका रिकार्ड भविष्य के उद्देश्यों के लिए फिजिकल तौर पर रखेंगे।डिप्टी कमिश्नर ने आगे बताया कि रेवेन्यू कोर्ट मैनेजमेंट व्यवस्था (आरसीएमएस), जो कि नैशनल इनफरमेटिकस सैंटर (एनआईसी) की तरफ से रेवेन्यू केस की निगरानी और प्रबंधन के लिए विकसित किया गया है, यहाँ प्रभावशाली ढंग से लागू किया जा रहा है। उन्होनें कहा कि ज़मीन की हदबंदी और भार-रहित सर्टिफिकेट की आनलाइन सेवाएं भी आरसीएमएस के द्वारा आरंभ की गई है। उन्होनें कहा कि आवेदकों को हदबंदी के लिए आनलाइन अर्ज़ी देनी पड़ेगी और इस पोर्टल के द्वारा भुगतान भी प्राप्त किये जा रहे है। उन्होनें कहा कि यदि आवेदक किसी कारण आनलाइन अर्ज़ी देने में असफल रहता है तो वह फ़र्द केंद्र या सेवा केंद्र जाकर अर्ज़ी दाख़िल कर सकता है।उन्होनें कहा कि आरसीएमएस विशेष तौर पर राज्य की सभी रेवेन्यू अदालतों के लिए तैयार किया गया है, जिसमें वित्त कमिश्नर, डिविज़नल कमिश्नर, डायरैक्टर लैड् रिकार्डस, डिप्टी कमिश्नर, एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार की अदालतें शामिल हैं। थोरी ने कहा कि इस व्यवस्था में वादी और प्रतिवादी के साथ लैंड रिकार्ड डाटाबेस से मुकदमेबाज़ी अधीन जायदादों का विवरण है और समन नोटिस जारी करने के अलावा, व्यवस्था अलग -अलग अदालतों की तारीख अनुसार कारण -सूची तैयार करता है, जो कि नागरिकों के लिए भी उपलब्ध है।डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि अंतरिम आदेशों, अंतिम निर्णयों और अन्य सभी मामलों से सम्बन्धित दस्तावेज़ इस प्रणाली के द्वारा अपलोड किये जा सकते हैं। उन्होनें कहा कि यह नागरिकों के लिए वरदान है क्योंकि वह पोर्टल केस की स्थिति के साथ किसी भी केस के विवरणों तक पहुँच सकते हैं, जिसके लिए किसी क्रिडैंशियलज़ या रजिस्ट्रेशन की ज़रूरत नहीं है। इस अवसर पर एडीसी (जी) जसबीर सिंह, एसडीएम राहुल सिंधु, गौतम जैन, संजीव कुमार शर्मा, डा. विनीत कुमार और डा. जय इन्द्र सिंह और डीआरओ जशनजीत सिंह मौजूद थे।

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