कर्मियों के निलंबन पर विभागीय जांच शुरू, एसएसपी खख ने की पुष्टि

जालंधर, जालंधर ग्रामीण पुलिस ने जिले के विभिन्न पुलिस थानों में तैनात पांच कर्मियों को ड्यूटी में गंभीर चूक के कारण निलंबित कर दिया है। यह सख्त कदम बार-बार की गई सार्वजनिक शिकायतों के बाद उठाया गया है, जिसमें पुलिस द्वारा लापरवाही की बात सामने आई थी। विशेष रूप से अलावलपुर चौकी के अधिकार क्षेत्र में यह शिकायतें प्रमुख थी।

निलंबित किए अधिकारियों में एएसआई अवतार सिंह, कांस्टेबल बिक्रमजीत सिंह, वरिष्ठ कांस्टेबल भूपिंदर सिंह, कांस्टेबल आर्यनप्रीत सिंह, और एएसआई/एलआर जसविंदर सिंह शामिल हैं, जो जिले के विभिन्न पुलिस थानों में तैनात थे।

प्रैस को जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरकमल प्रीत सिंह खख ने कहा, “इन कर्मियों की ड्यूटी में चूक के चलते जनता में असंतोष और शिकायतों आई । विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए इन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है। लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी और पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।”

अलावलपुर चौकी प्रभारी एएसआई राजिंदर कुमार के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले की जांच में लापरवाही करने के आरोप में कार्रवाई की गई है। उन्होंने मामले में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया, जिससे जांच में देरी और जनता में असंतोष प्रकट हुआ।

लोहियां थाने में तैनात एएसआई अवतार सिंह को पिपली गांव में एक भूमि विवाद की अनदेखी करने और हत्या के प्रयास के मामले को सही ढंग से न संभालने के लिए निलंबित किया गया। डीएसपी शाहकोट की जांच में वे दोषी पाए गए। उन्होंने समय रहते वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं किया और उचित कार्रवाई करने में विफल रहे।

भोगपुर थाने में तैनात एएसआई जसविंदर सिंह को एक विवादित मामले में प्रतिद्वंद्वी पक्ष पर अनुचित दबाव डालने के लिए निलंबित किया गया, जिससे स्थिति और खराब हो गई। डीएसपी आदमपुर की जांच में उन्हें दोषी पाया गया।

कांस्टेबल बिक्रमजीत सिंह, वरिष्ठ कांस्टेबल भूपिंदर सिंह, और कांस्टेबल आर्यनप्रीत सिंह को बार-बार ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के कारण निलंबित किया गया है। कांस्टेबल आर्यनप्रीत सिंह पर गैंगस्टरों के साथ संबंध रखने का भी आरोप है, जिससे जनता में पुलिस के प्रति विश्वास को ठेस पहुँची है।

एसएसपी खख ने कहा, “ड्यूटी में लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए वचनबद्ध हैं, और दोषी कर्मियों पर विभागीय जांच की जा रही है।”

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