“निराशा के बाद…”, मनु भाकर के ऐतिहासिक जीत पर पूर्व भारतीय कोच द्रविड़ के बयान ने जीता दिल

ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनी मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में भारत का खाता खोला और ‘नारी शक्ति’ को समर्पित दूसरे दिन पदक उम्मीद पी वी सिंधू, निकहत जरीन और मनिका बत्रा ने भी जीत के साथ आगाज किया. तीन साल पहले तोक्यो ओलंपिक में पिस्टल खराब होने से रोते हुए लौटी मनु ने भगवद गीता के सार को आत्मसात किया और गुरू जसपाल राणा के मार्गदर्शन में पेरिस में इतिहास रच डाला. उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में निशानेबाजी रेंज पर 12 साल बाद भारत को ओलंपिक में कांसा दिलाया.

अपेक्षाओं और दबाव का सामना करने में माहिर महान क्रिकेटर राहुल द्रविड़ ने मनु भाकर को पहले ओलंपिक की कड़वी यादों को भुलाकर यहां ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने पर बधाई दी. द्रविड़ ने यहां इंडिया हाउस में एक परिचर्चा में कहा ,‘‘ मनु की कहानी अद्भुत है. तोक्यो ओलंपिक की निराशा के बाद यहां आकर कांस्य पदक जीतना असाधारण उपलब्धि है.” भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ने कहा ,‘‘ ऐसे खास दिन यहां आकर अच्छा लगा. इस तरह की उपलब्धियां बरसों के बलिदान, कड़ी मेहनत और समर्पण से मिलती है. एक खिलाड़ी के लिये यह आसान नहीं होता.

रजत से सिर्फ 0.1 अंक से चूकी मनु ने कहा, ‘‘मैंने भगवद गीता काफी पढ़ी है और वही करने की कोशिश की जो मुझे करना चाहिए था. बाकी सब भगवान पर छोड़ दिया था. हम भाग्य से नहीं लड़ सकते. आप परिणाम को नियंत्रित नहीं कर सकते. ”राइफल निशानेबाजों रमिता जिंदल और अर्जुन बबूता ने भी क्रमश: महिला 10 मीटर एयर राइफल और पुरुष 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल में जगह बनाकर पदक की उम्मीद जगाई.

तोक्यो ओलंपिक में भारत के 15 निशानेबाजों में से केवल 10 मीटर एयर पिस्टल निशानेबाज सौरभ चौधरी ही फाइनल तक पहुंच पाए थे. पेरिस में भारत के दल प्रमुख गगन नारंग के लंदन ओलंपिक 2012 में जीते कांस्य के बाद निशानेबाजी में यह पहला ओलंपिक पदक है. हरियाणा के झज्जर की रहने वाली 22 साल की मनु ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 221.7 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक जीता.

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