पटना, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब इंडिया एलायंस की एकजुटता को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने तेजस्वी का हाथ पकड़कर मीडिया के सामने कर दिया। हालांकि, नीतीश कुमार ने इतना जरूर कहा कि कोई दिक्कत नहीं है। नीतीश कुमार की बातों में हां में हां तेजस्वी ने भी मिलाया। दरअसल, जी20 मीट के दौरान राष्ट्रपति की ओर से दी गई डिनर पार्टी में नीतीश कुमार की मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई थी। इसके बाद से सियासी गलियारे में सवाल तैरने लगा कि पता नहीं, नीतीश कुमार कब तक महागठबंधन के साथ रहेंगे। इसी को लेकर सवाल किया गया था। दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कुर्सी के लिए पल्टी मारने का ठप्पा लग चुका है। लंबे समय तक बीजेपी के साथ सत्ता में रहने के बाद नीतीश ने वनवास झेल रहे लालू यादव को सत्ता में भागीदार बना दिया। इसके बाद फिर से लालू यादव से गठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सीएम पद की शपथ लिए। बीजेपी से मिलकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद एक बार फिर लालू यादव की आरजेडी के साथ सरकार बना लिए। लिहाजा नीतीश की ‘क्रेडिबिलिटी’ को लेकर हमेशा सवाल उठाए जाते हैं। मगर आरजेडी और बीजेपी के बीच इलेक्टोरल कैलकुलेशन में नीतीश कुमार ऐसे फंसे हैं कि बीजेपी और आरजेडी दोनों की मजबूरी बन गए हैं। उनके बिना किसी को सत्ता नसीब नहीं हो रही।