जालंधर, 1 अगस्त: जालंधर से लोकसभा सदस्य सुशील कुमार रिंकू ने आज केंद्र सरकार से आदमपुर हवाई अड्डे के नवनिर्मित घरेलू टर्मिनल का नाम श्री गुरु रविदास जी के नाम पर रखने का आग्रह किया।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि पंजाब विधानसभा ने आदमपुर हवाई अड्डे, जिला जालंधर के घरेलू टर्मिनल का नाम ‘श्री गुरु रविदास जी’ के नाम पर रखने का प्रस्ताव पारित किया है। इसलिए उन्होंने कहा कि पंजाब विधान सभा के संकल्प और लोगों की भावनात्मक और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए आदमपुर हवाई अड्डे का नाम श्री गुरु रविदास जी के नाम पर रखा जाना चाहिए। उन्होंने टर्मिनल से विमान सेवाएं तुरंत शुरू करने पर जोर देते हुए कहा कि क्षेत्र को हवाई कनेक्टिविटी प्रदान करना समय की मांग है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के दोआबा क्षेत्र के लिए हवाई कनेक्टिविटी की संभावना और आवश्यकता को देखते हुए, भारत सरकार ने पिछले दिनों उड़ान योजना के तहत कम लागत वाली एयरलाइन स्पाइस जेट को दिल्ली-आदमपुर सेक्टर पर उड़ानें संचालित करने की अनुमति दी थी। साथ ही मुंबई-आदमपुर-मुंबई के लिए उड़ानें शुरू हुईं और ये उड़ानें अप्रैल 2021 तक सफलतापूर्वक संचालित हुईं। उन्होंने कहा कि हवाई यातायात की सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए और क्षेत्र की मांग को पूरा करते हुए सरकार ने एक नए टर्मिनल भवन के निर्माण को मंजूरी दी थी।
उन्होंने कहा कि व्यस्त समय में 300 यात्रियों (150 आगमन और 150 प्रस्थान) की क्षमता वाली सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त नई टर्मिनल बिल्डिंग पहले ही पूरी हो चुकी है। लेकिन अब तक कोई भी उड़ान शुरू नहीं की गई है, जिससे दोआबा क्षेत्र (जहां बड़ी संख्या में एनआरआई आबादी है और अक्सर दुनिया भर में यात्रा करते हैं) के यात्रियों, आगंतुकों और निवासियों को गंभीर असुविधा हो रही है और उड़ान योजना की प्रभावशीलता भी खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा किसी भी उड़ान के अभाव में, नवीकरण की पूरी परियोजना लागत रु. 125 करोड़ का नया टर्मिनल भवन, एप्रन एवं संबंधित कार्य, परिचालन एवं रखरखाव व्यय आदि व्यर्थ खर्च हो रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि मध्य पंजाब (दोआबा क्षेत्र) के लोगों की अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए सीधी उड़ान की लंबे समय से मांग है। एएआई ने हाल ही में आदमपुर हवाई अड्डे पर एक मॉर्डन ‘सिविल एन्क्लेव’ का निर्माण किया है। दुबई/अबू धाबी जैसी जगहों पर काम करने वाले इस क्षेत्र के भारतीयों की बड़ी संख्या के कारण इस ‘सिविल एन्क्लेव’ से संयुक्त अरब अमीरात के लिए सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की बहुत मांग है। इसके अलावा, ब्रिटेन में बसे विशाल भारतीय प्रवासियों की ओर से लंबे समय से लगातार मांग की जा रही है कि जालंधर से बर्मिंघम के लिए सीधी उड़ान शुरू की जाए।