बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों का आंदोलन भले ही स्थगित हो गया हो लेकिन इसको लेकर विवाद अभी भी थमा नहीं है. ताजा घटनाक्रम में दो महिला पहलवानों के बीच ट्विटर पर युद्ध छिड़ गया है. पहलवान साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान के आरोपों पर बीजेपी नेता और रेसलर बबीता फोगाट ने जवाब दिया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “एक कहावत है कि ज़िंदगी भर के लिये आपके माथे पर कलंक की निशानी पड़ जाए.बात ऐसी ना कहो दोस्त की कह के फिर छिपानी पड़ जाए. मुझे कल बड़ा दुःख भी हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उनके पतिदेव का वीडियो देख रही थी.” उन्होंने आगे लिखा, “सबसे पहले तो मैं ये स्पष्ट कर दूं कि जो अनुमति का काग़ज़ छोटी बहन दिखा रही थी उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरी सहमति का कोई प्रमाण नहीं है और न ही दूर-दूर तक इससे मेरा कोई लेना देना है.”
बबीता फोगाट कहती हैं, “मैं पहले दिन से कहती रही हूं कि माननीय प्रधानमंत्री जी पर एवं देश की न्याय व्यवस्था पर विश्वास रखिए, सत्य अवश्य सामने आएगा. एक महिला खिलाड़ी होने के नाते मैं सदैव देश के सभी खिलाड़ियों के साथ थी, साथ हूं और सदैव साथ रहूंगी परंतु मैं धरने -प्रदर्शन के शुरुआत से इस चीज़ के पक्ष मैं नहीं थी.”
उन्होंने राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, “मैंने बार-बार सभी पहलवानों से ये कहा कि आप माननीय प्रधानमंत्री या गृहमंत्री जी से मिलो समाधान वहीं से होगा, लेकिन आपको समाधान दीपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस और प्रियंका गांधी व उसके साथ आ रहे उन लोगों द्वारा दिख रहा था जो खुद बलात्कारी एवं अन्य मुक़दमे के दोषी है लेकिन देश की जनता अब इन विपक्ष के चेहरों को पहचान चुकी है अब देश के सामने आकर उन्हें उन सभी जवानों, किसानों और उन महिला पहलवानों की बातों का जवाब देना चाहिए जिनकी भावनाओं की आग में इन्होंने अपनी राजनीति की रोटी सेकने का काम किया.” उन्होंने आगे कहा कि जो महिला खिलाड़ी धरने पर साथ बेठे थे उनके विचारों को सभी पूर्वाग्रहों के साथ ऐसी दिशा दी जहां बस आपके राजनीतिक फायदे दिख रहे थे. आज जब आपका ये वीडियो सबके सामने है उससे अब देश की जनता को समझ में आ जाएगा की नए संसद भवन के उद्घाटन के पवित्र दिन आपका विरोध और राष्ट्र के लिए जीता हुआ मेडल गंगा में प्रवाहित करने की बात कितना देश को शर्मसार करने जैसा था.बबीता फोगाट ने कहा, “बहन हो सकता है आप बादाम के आटे की रोटी खाते हों लेकिन गेहूं की तो मैं और मेरे देश की जनता भी खाती ही है, सब समझते हैं. देश की जनता समझ चुकी है कि आप कांग्रेस के हाथ की कठपुतली बन चुकी हो. अब समय आ गया है कि आपको आपकी वास्तविक मंशा बता देनी चाहिए क्योंकि अब जनता आपसे सवाल पूछ रही है.”