नवजात शिशु को स्वस्थ रखने में मां के दूध का सबसे बड़ा रोल होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मां के दूध से शिशु में एंटीबॉडीज बनती हैं, जो बचपन की कई बीमारियों से बचाने में मदद करती हैं। स्तनपान से न केवल शिशु को फायदा होता बल्कि मां को भी इसके कई फायदे मिलते हैं। मां का पहला दूध नवजात को रोगों से लडऩे की क्षमता देता है और मां में ब्रेस्ट कैंसर व आर्थराइटिस का खतरा घटता है।
मां के दूध से नवजात शिशु को 4 बड़े फायदे
बेहतर होता है इम्यून सिस्टम : जन्म के पहले घंटे में ही मां का दूध पीने वाले बच्चों की कम उम्र में मौत का खतरा 20 प्रतिशत तक कम हो जाता है। बच्चा वैक्सीनेशन के प्रति बेहतर रिस्पॉन्ड करता है।
घटता है संक्रमण का खतरा : मां का दूध पीने से बच्चे में डायरिया का रिस्क कम हो जाता है। आंत में संक्रमण का खतरा लगभग 64फीसदी तक घट जाता है। 6 माह और उससे अधिक समय तक स्तनपान करने वाले बच्चों में खानपान से जुड़ी एलर्जी के मामले कम सामने आते हैं।
बेहतर काम करता है रेस्पिरेट्री सिस्टम :मां का दूध पीने वाले बच्चों में सांस से जुड़े संक्रमण का खतरा 72 फीसदी तक कम होता है। निमोनिया, सीजनल सर्दी जुकाम का खतरा कम रहता है।
बढ़ता है बच्चों का आईक्यू : मां के दूध में कोलेस्ट्रॉल और अन्य फैट कम होते हैं। नर्व टिश्यू का बेहतर विकास होता है। ऐसे बच्चों का आईक्यू लेवल 2 से 5 प्वाइंट अधिक होता है। इसी तरह उनका हृदय बेहतर तरीके से काम करता है।
घट जाता है मां में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा
ब्रेस्टफीडिंग कराने से मां को हृदय रोग का खतरा 10 फीसदी तक कम होता है। इसी तरह ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 28 फीसदी और आर्थराइटिस का रिस्क 50 फीसदी तक कम होता है।
एक वर्ष में इस तरह से शिशु को सुरक्षा प्रदान करता है मां का दूध :
जन्म के समय—मां का पहला दूध इम्यूनिटी और आंत को सुरक्षा प्रदान करता है।
6 सप्ताह बाद—एंटीबॉडी मिलती है।
3 माह बाद—कैलोरी बहुत बढ़ जाती है।
6 माह बाद—दूध में ओमेगा एसिड बढ़ जाता है। इससे बच्चे का दिमाग तेजी से विकसित होता है।
12 माह बाद—कैलोरी और ओमेगा एसिड का लेवल ज्यादा होता है, जो मांसपेशियों और दिमाग के विकास में सहायता करते हैं।