श्रीहरिकोटा : स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पृथ्वी की निगरानी करने वाले सैटेलाइट ‘EOS-03’ का गुरुवार सुबह सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर दिया। हालांकि इसके बावजूद ये मिशन फेल हो गया है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से इस अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट को सुबह 5:43 बजे प्रक्षेपित किया गया। इसके बाद इसके बाद सारे स्टेज सही समय पर अलग होते चले गए। लेकिन क्रोयोजेनिक इंजन के आंकड़े मिलने बंद हो गए जिसके बाद इस मिशन के आंशिक रूप से फेल होने की घोषणा की गई। बता दें कि इसे अंतरिक्ष से धरती की निगरानी करनी थी, इसीलिए इसे भारत की सबसे तेज आंखें भी कहा जा रहा था। लेकिन मिशन अधूरा ही रहा गया।
स्पेसप्लाइट नाऊ के मुताबिक, इसरो EOS-03 उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने में विफल रहा है। इसरो ने पुष्टि की है कि जीएसएलवी एमके. 2 लॉन्च आज क्रायोजेनिक चरण में देखी गई खराबी के कारण विफल रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 के बाद से किसी भारतीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण में यह पहली विफलता है। इससे पहले इसरो के लगातार 14 मिशन सफल रहे। इससे पहले 28 फरवरी को इसरो ने साल के पहला मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। भारत का रॉकेट 28 फरवरी को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पहली बार ब्राजील का उपग्रह लेकर अंतरिक्ष रवाना हो हुआ था।