मछलियों का गांव कांस कैसे बन गया ग्लैमर का गढ़?

दुनिया के सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल में शुमार फ्रांस का कांस फिल्म फेस्टिवल 13 मई से शुरू हो चुका है, जो 25 मई तक चलेगा. हर साल फ्रांस के कांस शहर में होने वाला यह फिल्म फेस्टिवल अपने ग्लैमर के लिए जाना जाता है. इसमें भारत से भी कई फिल्मी सितारें पहुंचते हैं.क्या आप जानते हैं कि आज ग्लैमर और लग्जरी का गढ़ माना जाने वाला कांस शहर कभी एक गांव था और इसे मछलियों के गांव के रूप में जाना जाता था? आइए जान लेते हैं कि मछलियों का गांव कांस कैसे ग्लैमर का गढ़ बन गया?

यह ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी की बात है. लियुरियन ऑक्सीबी नामक जनजाति ने एक बस्ती बसाई थी, जिसको एजिट्ना के नाम से जाना जाता था. इस नाम का क्या मतलब है, इस पर इतिहासकार और भाषा के जानकार एकमत नहीं हैं पर माना जाता है कि इस नाम का मतलब लहरों से जुड़ा हो सकता है. इस एजिट्ना नामक बस्ती के बगल में ही एटोलियन शहर स्थित था. यह पूरा ही क्षेत्र मछली पकड़ने के लिए प्रसिद्ध गांव के रूप में जाना जाता था. इसके अलावा इस क्षेत्र का प्रयोग उस समय लेरिंस द्वीप समूह के बीच बंदरगाह के रूप में भी होता था.

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