पराली जलाने की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए 24 घंटे निगरानी रखेंगे 511 कलस्टर व नोडल अधिकारी

जालंधर, (रोजाना आजतक)- जिले में पराली जलाने की घटनाओं पर नकेल लगाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने जिले में 511 कलस्टर और नोडल अधिकारियों की तैनाती कर दी है, जोकि दिन-रात पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी और रिपोर्टिंग का काम करेंगे।शनिवार को पंजाब की मुख्य सचिव विनी महाजन के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पराली की आग और धान की खरीद के मुद्दे पर आयोजित बैठक में भाग लेते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने प्रशासन की तरफ से उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में 511 कलस्टर और नोडल अधिकारियों की पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी के लिए तैनाती की गई है, जिसमें से 70 अधिकारी तहसील जालंधर-1, 53 तहसील जालंधर-2, 120 नकोदर, 143 शाहकोट और 126 अधिकारी फिल्लौल तहसील में तैनात किए गए हैं। सभी अधिकारियों को उनके क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं की लगातार निगरानी करने और ऐसी घटना की तुरंत जानकारी संबंधित अधिकारियों को देने के निर्देश दिए गए हैं।उन्होंने कहा कि इस मामले में बिल्कुल भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जो भी कानून तोड़ेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि पुलिस और जिला प्रशासन की तरफ से पराली की आग की घटनाओं पर नकेल लगाने के लिए संयुक्त रूप से मुहिम छेड़ी गई है। अगर कोई भी कंबाइन ऑपरेटर अपनी कंबाइन में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम नहीं लगाएगा तो उसके खिलाफ कानूनी केस दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा उस पर भारी पेनल्टी लगाई जाएगी और उसकी कंबाइन भी जब्त कर ली जाएगी। इसी तरह अगर कोई किसान पराली जलाएगी तो गिरदावरी रिपोर्ट में उसकी रेड एंट्री के अलावा अन्य कार्रवाई भी की जाएगी। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि नंबरदारों को भी उनके इलाकों में पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी व रिपोर्टिंग के लिए खास निर्देश जारी किए गए हैं ताकि इस तरह के मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।इस बीच डिप्टी कमिश्नर ने चीफ सैक्रेटरी को कोरोना वायरस महामारी के बीच धान की खरीद को लेकर किए जा रहे प्रबंधों का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि इस बार धान की खरीद के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन यकीनी बनाया जाएगा, जिसके तहत किसानों को कलर कोड वाले कूपन दिए जाएंगे, जिसके आधार पर ही वह मंडी में अपनी फसल लेकर आएंगे। मंडियों में किसी भी तरह से भीड़ नहीं लगने दी जाएगी। चूंकि पहली अक्टूबर 2020 से मंडियों में धान की खरीद शुरू हो रही है, इसलिए प्रशासन की तरफ से पहले ही इसकी व्यापक व्यवस्था कर ली गई है ताकि किसानों के एक-एक दाने की खरीद बेहद सुगम तरीके से की जा सके। उन्होंने बताया कि मंडियों में पीने के पानी, सैनीटाइजर, मंडियों में जीवाणुनाशक दवाईयों के स्प्रे, फेस मास्क की उपलब्धता इत्यादि के बारे में सारी तैयारी कर ली गई है।इस मौके पर एडीसी जसबीर सिंह, एसडीएम राहुल सिंधू, एसडीएम संजीव शर्मा, एसडीएम गौतम जैन, डीएफएससी नरिंदर सिंह, मुख्य खेतीबाड़ी अधिकारी सुरिंदर सिंह, पीपीसीबी एक्सियन कुलदीप सिंह व अन्य मौजूद थे

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