जालंधर, मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में श्री शनिदेव महाराज जी के निमित्त निशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमान राजन शर्मा से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन ,नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।
नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि ईश्वर निरगुण निराकार होकर भी भक्तों की भावना के अधीन होकर सगुण साकार बन जाता है। भक्त की भावना के अनुसार ईश्वर को रूप बनाना पड़ता है। जैसे भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए एवं हिरणाकश्यप को मारने के लिए नर सिंह रूप धारण करना पड़ा। इसलिए परमात्मा का नाम और रूप कोई निश्चित नहीं है। समय अनुसार जैसे रूप और नाम की आवश्यकता पड़ती है। धर्म की रक्षा करने ईश्वर को वैसा ही रूप धारण करना पड़ता है। अर्थात भगवान को किसी भी रूप में पुकारा जाए भगवान उसी रूप में पृथ्वी पर अवतार लेते हैं। ईश्वर एक ही है।
इस अवसर पर अजीत कुमार, राकेश प्रभाकर,पूनम प्रभाकर ,सरोज बाला, समीर कपूर,अनू अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल ,अमरेंद्र कुमार शर्मा,प्रदीप,नरेश,कोमल,जगदीश डोगरा, ऋषभ कालिया,रोहित भाटिया,बावा जोशी,राकेश शर्मा,सौरभ मरवाहा संजीव ,कमल नैयर सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
हवन-यज्ञ उपरांत लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।