मारधाड़ और हथियारों के ऑनलाइन गेम किशोरावस्था में दिमाग पर कितना बुरा असर डालते हैं, इसका जीता जागता उदाहरण हैं आगरा में धर्मांतरण की शिकार हुई जोया। जोया सगी बहनों में छोटी है और धर्मांतरण से पहले उसका दूसरा नाम था। जब हाईस्कूल में थी, तब लॉकडाउन लग गया। किताबें छूट गईं हाथ में मोबाइल आ गया। उस समय उसे पबजी का चस्का लग गया। दिन और रात सिर्फ पबजी में गोलियां चलाईं। इस दौरान वह सपने में भी गोलियां चलाकर दूसरों को मारती और खुद को बचाती। बड़ी बहन ने इसी का लाभ उठाकर उसका ब्रेनवॉश किया था।
धर्मांतरण गैंग के चंगुल से मुक्त हुईं आगरा की सगी बहनों की काउंसलिंग चल रही है। छोटी वाली बड़ी बहन से भी कट्टर है। उसके सिर पर मुजाहिदा बनने का भूत सवार है। एक युवती इतनी खतरनाक बात कैसे कर सकती है, यह जानने के लिए काउंसलरों ने स्कूल की बातचीत शुरू की। पता चला कि वह बालूगंज स्थित एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ती थी। हाईस्कूल में थी तो लॉकडाउन लग गया। पढ़ाई ऑनलाइन होने लगी। इसी दौरान उसने पबजी खेलना शुरू कर दिया। मां इस बात पर डांटती थी। तब बड़ी बहन इस्लाम के प्रति आकर्षित हो चुकी थी। वह छोटी बहन से अपने दिल की बात किया करती थी। छोटी बहन हकीकत में हथियार उठाना चाहती थी। गोलियां चलाना चाहती थी। वह गेम को हकीकत में जीना चाहती थी।