उत्तराखंड, दोनों को न्यायालय में पेश किया। लेकिन न्यायालय ने पुलिस को रिमांड नहीं दी। इसके बाद युवकों को घर भेज दिया है। मालूम हो कि रविवार को दो किशोरियों के साथ गाली-गलौच करने, मारपीट, छेड़छाड़ और मुर्गा बनाने तथा सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के बाद दो युवक बागेश्वर से फरार हो गए थे, जबकि एक कपकोट से ही फरार चल रहा था। इस मामले में एक पीड़िता के पिता ने लक्की कठायत, तनुज गड़िया, दक्ष फर्स्वाण तथा योगेश गड़िया पर छेड़खानी, मारपीट एवं गाली गलौच कर जान से मारने की धमकी देने की तहरीर सौंपी थी। साथ ही वीडियो वायरल करने का भी आरोप लगाया। उनके खिलाफ 74/115(2)/352/351(2)बीएनएस व 7/8 पोक्सो अधिनियम में मुकदमा दर्ज हुआ। इस मामले में योगेश गड़िया और तनुज गड़िया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया गया।
न्यायालय में अधिवक्ता विनोद भट्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए। बगैर नोटिस के आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। भट्ट ने बताया कि एक घंटे की जिरह के बाद न्यायाधीश नरेंद्र दत्त ने रिमांड रिफ्यूज कर दी। उन्होंने बताया कि पोक्सो जैसे गंभीर मामले में पुलिस ने लीपापोती की है। इधर कोतवाल कैलाश नेगी ने बताया कि गंभीर अपराध को देखते हुए पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया। न्यायालय नियमानुसार कार्रवाई के आदेश पुलिस को दिए हैं। अब पुलिस दोनों को नोटिस जारी करेगी। फिलहाल दोनों युवकों को घर भेज दिया है।