नई दिल्ली, कोई तीज-त्योहार हो या शादी-पार्टी का मौका, महिलाएं अक्सर चेहरे पर इंस्टेंट निखार और गोरापन लाने के लिए ब्लीच का सहारा लेती हैं। दरअसल, ब्लीच फेशियल हेयर को लाइटन करके स्किन को अधिक ब्राइट दिखाती है। लेकिन चेहरे को ब्लीच करते समय क्या आपके मन में यह सवाल कभी आया है कि ब्लीच आपके चेहरे के लिए कितनी सेफ है? आइए जानते हैं WHO की रिर्पोट इस सवाल का क्या जवाब देती है। अक्सर लोग अपनी स्किन टोन को लाइट और ग्लोइंग बनाए रखने के लिए ब्लीच का यूज करते हैं। बात अगर साल 2018 के आंकड़ों की करें तो 27.7 प्रतिशत लोगों ने अपनी त्वचा पर ब्लीच का इस्तेमाल किया। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुमान के अनुसार साल 2024 तक, स्किन ब्लीजिंग उद्योग करीब 31.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। आसन शब्दों में अगर समझा जाए तो ब्लीच करने से त्वचा में मौजूद मेलेनिन की एकाग्रता और उत्पादन दोनों को कम करने में मदद मिलती है। आपकी त्वचा जिस पिगमेंट का उत्पादन करती है उसे मेलेनोसाइट्स के नाम से जाना जाता है। ऐसे में जब आप अपनी त्वचा पर ब्लीच का इस्तेमाल करते हैं तो, यह आपकी त्वचा में मेलेनोसाइट्स की संख्या कम कर देता है। विशेषज्ञ द्वारा बताए गए तरीकों को अपनाने के साथ हानिकारक पदार्थों से त्वचा को बचाकर रखने से हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या का इलाज किया जा सकता है। हालांकि, कई देशों ने त्वचा पर ब्लीच के उपयोग को लेकर प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में आइए जानते हैं ब्लीच को लेकर डर्मेटोलॉजिस्ट क्या सलाह देते हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिर्पोट के मुताबिक डॉ. रश्मी शेट्टी, कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट, रा स्किन एंड एस्थेटिक्स ने उन लोगों को सलाह दी है, जिनकी त्वचा काफी संवेदनशील, सूखी या फटी हुई है या जिन्हें एक्जिमा या एटोपिक डर्मेटाइटिस जैसी पहले से ही त्वचा से जुड़ी कोई समस्या है। उन्हें ब्लीच का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहना चाहिए। इसके अलावा आंखों के नीचे जलन या खुजली से पीड़ित लोगों को भी इसकी यूज करने से बचना चाहिए। डॉ. रश्मी कहती हैं कि यदि आपके चेहरे पर महीन बाल हैं, तो ब्लीचिंग आपके लिए अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है, इसका इस्तेमाल आपके चेहरे के दोनों तरफ एक सुनहरा निशान छोड़ सकता है, जो देखने में भद्दा लगता है।