नई दिल्ली, भले ही सुप्रीम कोर्ट अवमानना के मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को कोर्ट से राहत नहीं मिली हो, लेकिन सोमवार को हुई सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने गिरेबान को झांकने का फैसला किया है। कोर्ट ने कहा कि प्रशांत भूषण ने कोर्ट के सिटिंग जज को लेकर जो आरोप लगाए थे, वह एक जरूरी बात को सामने लाता है। कोर्ट के सिटिंग जज को लेकर अगर कोई शिकायत है तो उसका तरीका क्या होना चाहिए, यह एक महत्वपूर्ण सवाल है। प्रशांत भूषण ने 2009 में कहा था कि 16 पूर्व सीजेआई में आधे से ज्यादा करप्ट थे। जस्टिस अरुण मिश्रा ने उनसे पूछा कि क्या आप प्रेस से बात करना चाहते हैं? इसके अलावा अगर आपको किसी जज से कोई शिकायत है तो इसकी प्रक्रिया क्या होनी चाहिए साथ ही किन परिस्थितियों में इस तरह के आरोप लगाए जा सकते हैं, ये भी एक सवाल है।