जालंधर, (विशाल)-कोविड -19 महामारी का प्रभावशाली ढंग से मुकाबला करने की तरफ एक और पहल कदमी करते हुए किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पंजाब इंस्टीट्यूट आफ मैडीकल सायंसस (पिमस) में 350 बैंडों वाली कोविड इलाज सुविधा स्थापित करने को परवानगी दी गई। यह फ़ैसला डिप्टी कमिश्नर जलंधर घनश्याम थोरी की तरफ से स्थिति का जायज़ा लेने के लिए मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए लिया गया। मीटिंग के दौरान पिमस में कोविड केयर इलाज सुविधा स्थापित करने के लिए परवानगी दी गई। उन्होंने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ती है तो इस से सम्बन्धित ऐम.ओ.यू. आने वाले दिनों में हस्ताक्षर किया जायेगा। पिमस के साथ ऐम.ओ.यू हस्ताक्षर होने के उपरांत राज्य सरकार की तरफ से इस को कोविड आइसोलेशन सैंटर घोषित किया जायेगा। उच्च स्तरीय टीम के साथ मीटिंग के दौरान डिप्टी कमिशनर ने कहा कि अब जब सारा विश्व कोविड –19 महामारी के ख़िलाफ़ जंग लड़ रहा है तो पिमस की तरफ से इस में अहम भूमिका निभाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि मैडीकल कालेज और अस्पताल होने के कारण यहाँ कोरोना वायरस महामारी का प्रभावशाली ढंग से मुकाबला करने के लिए उचित बुनियादी ढांचा मौजूद है। उन्होंने कहा कि समय की माँग है कि दूरदृष्टि सोच के फलसवरूप कोरोना वायरस का एकजुट होकर मुकाबला किया जाये। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि कोरोना वायरस का असरदार ढंग से मुकाबला करने के लिए निजी अस्पतालों की सेवाओं को भी लिया जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में प्राईवेट अस्पतालों को मानवता की सेवा के लिए आगे आना चाहिए। थोरी ने कहा कि कोविड -19 महामारी का मुकाबला करने के लिए मानवीय स्रोतों और फंडों की कोई कमी नहीं है। डिप्टी कमिशनर ने कहा कि लोगों के कीमती जीवन को इस महामारी से बचाने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिसके लिए हम सब को एकजुट हो कर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हमारी सब की नैतिक ज़िम्मेदारी बनती है कि बेहतर आपसी तालमेल से कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ असरदार ढंग से मुकाबला किया जाये। इस अवरसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर विशेष सारंगल और जसबीर सिंह, डिप्टी कमिशनर पुलिस डी सुधरविजी, उप मंडल मैजिस्ट्रेट राहुल सिंधु, डा. जय इन्द्र सिंह, सिविल सर्जन डा.गुरिन्दर कौर चावला, मैडीकल सुपरडंट डा.हरिन्दर सिंह, ऐस.पी. रविन्दरपाल सिंह संधू और अन्य भी उपस्थित थे