जेल में बंद एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को आज भी बेल नहीं मिल पाई

गुजरात दंगों के मामले में सबूतों से छेड़छाड़ और धोखाधड़ी के आरोपों में जेल में बंद एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को आज भी बेल नहीं मिल पाई है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार से तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ एफआईआर का आधार पूछा है। अदालत ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ आईपीसी की सामान्य धाराओं में ही मुकदमा दर्ज है और वह एक महिला हैं। ऐसे में वह राहत की अधिकार रखती हैं। अदालत ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ करीब दो महीने से हिरासत में हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई गंभीर मामला नहीं है। इस पर सरकार की ओर से पेश वकील तुषार मेहता ने कि शीर्ष अदालत को जमानत पर विचार से पहले हाई कोर्ट का फैसला भी देख लेना चाहिए
अदालत ने शुक्रवार को भी मामले की सुनवाई जारी रखने का फैसला लिया है। गुजरात पुलिस ने तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट और पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार के खिलाफ 25 जून को केस दर्ज किया था। उससे पहले 24 जून को ही सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया जाफरी की उस अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने गुजरात दंगों के दौरान नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए पर सवाल खड़ा किया था। इसके साथ ही अदालत ने कुछ तीखी टिप्पणियां भी की थीं। इसके ठीक एक दिन बाद ही गुजरात पुलिस ने तीस्ता सीतलवाड़ के ऊपर केस किया था। जाकिया जाफरी का तीस्ता सीतलवाड़ ने केस लड़ने में समर्थन किया था।

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