किसानों ने 9 दिसंबर को सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया

किसानों के इस अड़ियल रवैये से केंद्र सरकार के माथे पर बल आना स्वाभाविक है। सरकार के कई मंत्रियों को लग रहा है कि किसान संगठनों के इतने कड़े रुख के पीछे किसी-न-किसी की साजिश तो जरूर है। उधर, न्यूज चैनल आज तक ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि खुफिया विभाग ने भी सरकार को रिपोर्ट दी है कि किसान आंदोलन हाइजैक हो रहा है। ऐसे में क्या यह आशंका पैदा हो रही है कि प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बीच का रास्ता निकल पाने की उम्मीद खत्म होने की स्थिति में सरकार भी अपना रुख बदल सकती है? क्या संभव है कि सरकार ‘कुछ प्रदर्शनकारियों’ के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लेने का मन बना ले ताकि ‘देशविरोधी और अराजक तत्वों को स्पेस नहीं मिल सके।’ कुछ प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों के बयान पढ़िए और समझिए कि क्या ये बयान किसान आंदोलनकारियों में घुसपैठ के खिलाफ कार्रवाई की भूमिका तैयार कर रहे हैं।

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