जालंधर, (संजय शर्मा )-लडोवाली रोड में एन एन एस के सरहयोग द्वारा लगाए योग शिविर में रखे। उन्होंने कहा कि संस्कार शिक्षा के साथ साथ दी जानी वाली विद्य है। जिस विद्या में संस्कार की कमी होती हैं वज सही में विद्या के नाम पर अविद्या है। संस्कार रहत विद्या जीवन मे आने वाले उतरांव चराव में वयक्ति की रक्षा नही कर सकेगी। योग शिविर की शुरुआत भस्त्रिका प्राणायाम द्वारा शुरू की गई, इस के बाद कपालभाति प्राणायाम, अनुलोम विलोम प्राणायाम,, ताड़ासन, वरिक्षसन, सूर्यनमस्कार का अभ्यास करवाया गया। विद्यार्थियों व कालेज स्टाफ के भावों को देखते हुए आचार्य रजनीश कुमार ने अपने सहयोगियों प्रियव्रत शास्त्री, नरिंदर भगत, अमरजीत कोमल, सुनैना व डॉ नवजोत कोमल के साथ मिलकर सर्वाइकल की एक्सरसाइज, शुगर के रोग के निवारण हेत मंडुक आसन, भरम्बरी प्राणायाम, उद्गीथ प्राणायाम, सिंह गर्जन व हँसी आसन जैसे प्रमुख आसन व प्राणायाम का अभ्यास करवाकर विद्यार्थियों व स्टाफ़ को मंत्रमुग्ध किया। प्रिंसीपल वरिंदर कुमार ने योग पर प्रकाश डालते हुए बताया कि तप, त्याग, समर्पण व सेवा के संस्कार शब्द ज्ञान की कमी को पूरा कर सकते है पर शब्द ज्ञान इन संस्कारों को कमी को कभी पूरा नही कर सकते है।इस शुभ अवसर पर कालेज स्टाफ की ओर से प्रिंसीपल वरिंदर कुमार, श्रीमती गुरविंदर कौर, डॉ मीनाक्षी। भाटिया, डॉ जस्लीम कौर, एन एन एस इंचार्ज प्रियंका व स्टाफ हाजर थे ।